फटेहाल को भी लखपति बना देता है ‘गजलक्ष्मी राजयोग’!

धर्म

When does Gajalakshmi Rajyoga Form: ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, किसी भी व्यक्ति की कुंडली में शुभ और अशुभ दोनों प्रकार के योग स्थिति हैं. इन दोनों योगों का असर उसके जीवन पर पूरी जिंदगी रहता है. हालांकि जातकों की जिंदगी में वो समय भी आते रहते हैं, जब खास ग्रहों से संबंध दशा उनके ऊपर चलती है. इसके परिणामस्वरूप वे शुभ फल देने लगते हैं, जिससे जातक की तकदीर ही बदल जाती है. आज हम ऐसे ही एक शुभ राजयोग गजलक्ष्मी राजयोग के बारे में आपको बताने जा रहे हैं.

बहुत दुर्लभ और शुभ होता है यह राजयोग

ज्योतिष के विद्वानों के अनुसार, यह राजयोग बहुत दुर्लभ और शुभ होता है. जिस व्यक्ति की कुंडली में इस राजयोग का निर्माण होता है. वह जीवन में बहुत तरक्की करता है. आर्थिक लाभ के साथ-साथ उसे समाज में मान-सम्मान की प्राप्ति होती है. वह राजसत्ता प्राप्त करता है. उसके आभामंडल से हर कोई अभिभूत रहता है. लोग उसके आगे सम्मानवश अपना शीश झुका लेते हैं.

कब बनता है गजलक्ष्मी राजयोग?

धार्मिक विद्वानों के मुताबिक, जब देवताओं के गुरु बृहस्पति और ऐश्वर्य-वैभव के कारक शुक्र एक दूसरे के आमने-सामने या केंद्र भाव में हो. वे पहले, चौथे और सातवें भाव में हों तो गजलक्ष्मी राजयोग का निर्माण होता है. किसी भी जातक को इस राजयोग का पूरा लाभ तभी हासिल हो पाता है, जब वह ग्रह अपनी उच्च राशि या मित्र की राशि में विराजमान हो और उस ग्रह की महादशा या अंतर्दशा चल रही हो.

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