भारत सरकार और जर्मन कार कंपनी फॉक्सवैगन के बीच छिड़ी कानूनी ‘जंग’, क्या है

बिजनेस

Volkswagen Tax Case: वैश्विक स्तर पर कई चुनौतियों से जूझ रही जर्मन कंपनी फॉक्सवैगन को भारत में भी झटका लगा है. कंपनी को जहां एक ओर उसे बिक्री और मुनाफे की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, वहीं दूसरी ओर चीनी कंपनियों से सस्ते विकल्पों की टक्कर और अमेरिकी सरकार की नई व्यापार नीतियों से भी मुश्किलें बढ़ रही हैं. अब भारत में Skoda Auto Volkswagen India टैक्स विवाद में उलझ गई है.

कंपनी ने क्या कहा?

स्कोडा ऑटो फॉक्सवैगन इंडिया ने कहा है कि वह कारण बताओ नोटिस को लेकर सभी उपलब्ध कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल कर रही है. इसके साथ ही कंपनी ने कहा कि वह इस मामले में कर अधिकारियों के साथ पूरा सहयोग कर रही है.

कंपनी ने कहा, “स्कोडा ऑटो फॉक्सवैगन इंडिया एक जिम्मेदार संगठन के रूप में काम करने के लिए प्रतिबद्ध है और सभी वैश्विक एवं स्थानीय कानूनों और नियमों का पूर्ण अनुपालन सुनिश्चित करता है.” भारत में फॉक्सवैगन समूह का नेतृत्व स्कोडा ऑटो फॉक्सवैगन इंडिया के पास है.

क्या है टैक्स चोरी मामला?

भारत सरकार ने इस कंपनी के खिलाफ लगभग 11,000 करोड़ रुपये (लगभग 1.4 अरब डॉलर) की कथित सीमा शुल्क धोखाधड़ी में कारण बताओ नोटिस जारी किया है. सीमा शुल्क धोखाधड़ी उन कारों पर लागू होती है, जिन्हें सीकेडी इकाई के तौर पर देश में लाया जाता है. सीकेडी इकाई का मतलब है कि किसी भी कार को अलग-अलग कलपुर्जों के तौर पर आयात किया जाए और फिर देश के भीतर असेंबलिंग कर एक कार तैयार कर दी जाए.

फॉक्सवैगन समूह ने भारत में ऑडी, फॉक्सवैगन और स्कोडा जैसे विभिन्न ब्रांड के तहत कई ऐसे मॉडलों की बिक्री की है जिन्हें सीकेडी इकाई के तौर पर आयात किया गया और भारत में असेंबल किया गया. इन मॉडलों में ऑक्टेविया, सुपर्ब, कोडियाक, जेट्टा और टिगुआन शामिल हैं. समूह पर आरोप है कि उसने अलग-अलग कलपुर्जों के तौर पर इन कारों का आयात कर सीमा शुल्क अधिकारियों को गुमराह किया और उच्च आयात शुल्क से बचने की कोशिश की.

भारतीय बाजार में हिस्सेदारी 2% से भी कम

फॉक्सवैगन की भारतीय बाजार में हिस्सेदारी 2% से भी कम है, लेकिन कंपनी नए मॉडल लॉन्च कर और आने वाले वर्षों में निवेश बढ़ाकर अपने कारोबार का विस्तार करने की योजना बना रही है. साल 2019 में Volkswagen Group India ने भारत में तीन अलग-अलग कंपनियों को मिलाकर Skoda Auto Volkswagen India नाम की एक ज्वाइंट कंपनी बनाई थी.

जुलाई 2018 में कंपनी ने भारत में India 2.0 प्रोजेक्ट के तहत 1 अरब यूरो (करीब 9,000 करोड़ रुपये) के निवेश की घोषणा की थी. 2023-24 में कंपनी की कुल बिक्री 2.19 अरब डॉलर रही, जबकि 11 मिलियन डॉलर (करीब 90 करोड़ रुपये) का शुद्ध लाभ दर्ज किया गया.

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